नई दिल्ली. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैबिनेट में फेरबदल को लेकर आज फिर सोनिया गांधी से मिल रहे हैं। दोनों नेताओं की कैबिनेट के मुद्दे पर चर्चा के लिए यह चौथी बैठक हो रही है। कांग्रेस के जो नेता मंत्रिमंडल में या तो शामिल हो सकते हैं, या जिनका प्रमोशन हो सकता है उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, गुरुदास कामत, बेनी प्रसाद वर्मा, डा चरणदास महंत और गिरिजा व्यास के नाम हैं। उनके अलावा कैबिनेट में शामिल मुस्लिम लीग के ई अहमद और तृणमुल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय की भी पदोन्नति हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार आरजेडी के लालू यादव और लोकदल के अजीत सिंह भी कैबिनेट में आ सकते हैं। आरजेडी केंद्र सरकार को समर्थन दे रही है औऱ लोकदल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ सकती है।
सिंधिया, कामत और अहमद को विभागों का स्वतंत्र प्रभार दिया जा सकता है। अहमद की मुस्लिम लीग का समर्थन केरल की गठबंधन सरकार चलाने के लिए जरूरी है। और सिंधिया को मध्य प्रदेश में पार्टी के भविष्य को देखते हुए पदोन्नत किया जा सकता है। डा महंत छत्तीसगढ़ से अकेले कांग्रेसी सांसद हैं।
तृणमुल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी को ममता बनर्जी की जगह रेल मंत्रालय दिया जा सकता है। मुकुल रॉय शिपिंग विभाग के राज्य मंत्री बने रहेंगे। सुदीप बंदोपाध्याय, दिनेश त्रिवेदी के स्थान पर स्वास्थ्य विभाग में राज्य मंत्री बनाए जा सकते हैं।
ए राजा और दयानिधि मारन के इस्तीफे के बाद खाली हुए दोनों मंत्रालय को लेकर डीएमके भी दिक्कत में है। डीएमके टीआर बालू के पक्ष में है, लेकिन उनके प्रधानमंत्री से संबंध ठीक नहीं हैं। सिंह ने २००९ में उन्हें कैबिनेट में शामिल करने से इंकार कर दिया था। लेकिन दूसरे नेताओं को कैबिनेट में लाने से पार्टी में फूट पड़ सकती है। वर्तमान में डीएमके के कोटे से केवल एक मंत्री हैं। डीएमके नेता करुणानिधि के बेटे एमके अलागिरी केंद्र में मंत्री हैं।
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