दिल्ली में लगने वाले ट्रैफिक जाम पर हर दिन लगभग दिल्लीवासियों की जेब से 10 करोड़ रुपये और सरकार के खाते से 1.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। सेंटर फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (CTI)ने एक सर्वे में यह बात कही है। सीटीआई ने सर्वे में कहा है- दिल्ली की सड़कों पर हर दिन करीब एक हजार नई गाड़ियां उतरती हैं। सड़कों पर पहले ही जरूरत से ज्यादा भार है लेकिन हर दिन बढ़ने वाली गाड़ियों की तादाद को रोकने का उपाय एक्सपर्टस को एक ही नज़र आता है और वह है एक ऐसा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम जिससे प्राइवट गाड़ियों वाले लोग भी इस्तेमाल कर सकें। सीटीआई के चीफ ट्रस्टी पंकज शर्मा ने कहा, सर्वे से पता चला है कि 60 लाख रजिस्टर्ड गाड़ियों में से एक तिहाई गाड़ियां सड़कों पर हैं। इनमें से हर गाड़ी पर औसतन 1.6 लीटर (2.5 लीटर कारों पर, 0.75 लीटर टू वीलर्स)ईंधन खर्च होता है। इस हिसाब से प्रतिदिन करीब 30 लाख लीटर ईंधन खर्च होता है। सर्वे के मुताबिक ट्रैफिक जाम के कारण एक व्यक्ति हर दिन 90 मिनट खर्च करता है और हर दिन करीब 10 करोड़ रुपये का ईंधन खर्च किया जाता है। चूंकि पेट्रोल-डीजल पर 15% की सरकारी सब्सिडी है इसलिए ईंधन की सब्सिडी पर सरकार के खाते से भी हर दिन 1.5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। सीटीआई ने सर्वे में दिल्ली की उन जगहों की भी पहचान की जहां सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम के कारण अक्सर स्थिति बेहद खराब रहती है। ये जगह हैं- खानपुर से डिफेंस कॉलनी, एमबी रोड, मूलचंद से नेहरू प्लेस, विकास मार्ग, एनएच-24, केशवपुरम से अशोक विहार, रोहतक रोड से पंजाबी बाग वाया जखीरा और ईदगाह से सब्जी मंडी। सर्वे टीम इन जगहों पर अलग-अलग समय में गाड़ियों से गुजरी और पता लगाया कि भीड़भाड़ के समय और ट्रैफिक जाम की स्थिति में औसतन कितना ईंधन खर्च होता है।
Home » national news » ट्रैफिक जाम पर हर दिन 11.5 करोड़ रुपये बर्बाद
ट्रैफिक जाम पर हर दिन 11.5 करोड़ रुपये बर्बाद
Posted by arun singla | Monday, October 19, 2009 | Category:
national news
|
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Currently have 0 comments: