नई दिल्ली. हुड्डा सरकार के नंबर वन हरियाणा के दावों पर विपक्ष चाहे कितना ही शोर-शराबा करे, लेकिन यह बात सच है कि संपन्नता के मामले में प्रदेश के विधायकों का कोई सानी नहीं है। प्रदेश की नवगठित विधानसभा में करोड़पति विधायकों की संख्या जहां 65 तक पहुंच गई है, वहीं इस बार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले विधायकों की संख्या में पिछली बार की तुलना में 50 फीसदी तक की गिरावट आई है। नई विस में पिछली बार की तुलना में केवल 15 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं जबकि पिछली बार यह संख्या 28 थी। करोड़पति विधायकों के मामले में प्रदेश की कोई भी पार्टी पीछे नहीं है। लेकिन यह बात भी सच है कि इस श्रेणी के सर्वाधिक 32 विधायक कांग्रेस के हैं। भाजपा के चार में से दो, इनेलो के 31 में से 19, और अन्य विधायकों में से 12 करोड़पति हैं। पिछली विधानसभा में हरियाणा में केवल 47 करोड़पति थे। हरियाणा के औसत विधायक की संपत्ति जहां 6 करोड़ रुपए है वहीं कांग्रेसी विधायकों की औसत संपत्ति 8, भाजपा की दो और इनेलो के औसत विधायक की संपत्ति तीन करोड़ रुपए है। हैरानी की बात यह है कि करोड़पति होते हुए भी कांग्रेस के एक, इनेलो के तीन व चार अन्य विधायकों ने चुनाव आयोग को दिए गए अपने शपथपत्रों में पैन कार्ड तक का विवरण देने की जरूरत नहीं समझी है। इनेलो के चार विधायक ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति पांच लाख से कम बताई है। प्रदेश के चुनाव में धनबल का कितना महत्व है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 10 करोड़ से अधिक संपत्ति दर्शाने वाले 44 फीसदी लोग प्रदेश विधानसभा में पंहुचने में सफल रहे। प्रदेश में कम संपत्ति वाले लोगों की जीतने की उम्मीद 2.34, मध्यम संपत्ति वाले प्रत्याशियों की 6.49 फीसदी, उच्च संपत्ति वाले प्रत्याशियों की 16.94 फीसदी और अत्याधिक आय वाले प्रत्याशियों की जीत की संभावनाएं 43.75 फीसदी है। यह खुलासा स्वंयसेवी संस्था इलेक्शन वाच द्वारा प्रत्याशियों के शपथपत्रों के विश्लेषण से सामने आया है। हरियाणा में इस बार केवल 9 महिला प्रत्याशी विधानसभा में पंहुची हैं जबकि पिछली बार यह संख्या 11 थी। उधर, महाराष्ट्र की नई विधानसभा में जीतकर पहुंचे 288 में से 143 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जो पिछली बार से 11 अधिक हैं। इस वर्ग में भाजपा व कांग्रेस के 26-26, एनसीपी के 24, शिवसेना के 31 व 36 अन्य विधायक शामिल हैं। करोड़पतियों के मामले में महाराष्ट्र के विधायक हरियाणा की तुलना में नौ फीसदी कम हैं। राज्य के 288 में से 184 विधायक करोड़पति हैं। इनमें कांग्रेस के 53, भाजपा के 29, एनसीपी के 50, शिवसेना के 20 और 32 अन्य विधायक शामिल हैं। यही नहीं प्रदेश की नई विस में महिलाओं की संख्या भी इस बार 12 से घटकर 11 रह गई है। अपेक्षा के विपरीत अरुणाचल के 60 नए विधायकों में से 35 करोड़पति हैं, जबकि केवल तीन के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।
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